1. परिचय: डिजिटल दुनिया में विश्वसनीयता की जंग
आजकल वीडियो, फोटो और ऑडियो फेक सामग्री, इतनी तेज़ी से फैलती हैं कि कई बार हम समझ ही नहीं पाते कि क्या सच है और क्या Deepfake — यानी AI द्वारा बनाई गई नकली मीडिया। राजनीतिक भ्रम, साइबर फ्रॉड और पहचान चोरी से जुड़ी फेक सामग्री ने हमारे भरोसे को डगमगा दिया है।
भारत ने अब इस बुराई से लड़ने के लिए Vastav AI नामक AI‑संचालित सिस्टम लॉन्च किया है। ‘वस्तव’ का अर्थ है “सच”, और यही इस टूल का मकसद है — सच को उजागर करना।
2. Vastav AI क्या है?
Vastav AI को विकसित किया है Zero Defend Security नामक भारतीय साइबर सुरक्षा कंपनी ने, और इसे 10 मार्च 2025 को लॉन्च किया गया, बिलकुल भारत में बना पहला AI‑फेक फिल्मों, फोटो, वीडियो और ऑडियो को पकड़ने वाला सिस्टम है।
यह एक cloud‑based platform है, जिसमें आप media upload कर सकते हैं और वे कुछ ही सेकंड में यह बता देता है कि यह सामग्री manipulated है या नहीं — 99% तक की claimed accuracy के साथ।
नाम की तरह लक्ष्य भी साफ है: जो digital content सच है, वही Vastav का verdict होगा।
3. कैसे काम करता है Vastav AI? (Working mechanism)
Vastav AI ने Deepfake detection के लिए चार‑पर्तियां forensic तकनीकों को मिलाया है:
- Confidence Score: हर मीडिया को एक percentage देता है जो बताता है कितना संभव है कि वह AI‑generated है।
- Heatmap Analysis: manipulated या altered हिस्सों को image/video पर रंग या शेड से दर्शाता है।
- Metadata Insights: वीडियो या इमेज की अंदर की “digital fingerprints” जांचता है — जैसे एडिटिंग टाइम, GPS, camera signature आदि
- Multi‑Model Judging System: जैसा एक कोर्ट में कई जज निर्णय लेते हैं, Vastav AI भी कई AI models का संयुक्त verdict निकालता है — इससे accuracy बढ़ती है और false positives कम होते हैं।
स्कैनिंग पूरी होने पर यह एक detail forensic report बनाता है — PDF, DOCX, JSON सहित कई formats में, जो कोर्ट, मीडिया और सुरक्षा संस्थानों में काम आ सकती है।
4. Recognition & Impact
- Vastav AI को CIDECODE Hackathon 2025 में दिखाया गया था (CID Karnataka & PES University द्वारा आयोजित), जहाँ इसे award भी मिला अपनी innovation और impact के लिए।
- Dainik Bhaskar, TV9 सहित भारत के कई मिडिया हाउस ने इसे highlight किया — खासकर दिसंबर 2025 Deepfake धमकी के संदर्भ में।
जिसकी बदौलत इसे Wikipedia पर भी बताया गया है — जैसे भारत का पहला AI‑based deepfake detection सिस्टम जिसे law‑enforcement को free मिलता है और enterprise users के लिए future में subscription आधारित मॉडल आएगा।
5. भारत में Deepfake वास्तविकता: क्यों ज़रूरी है Vastav AI?
- एक McAfee Study के अनुसार, 2024 में भारत में लगभग 75% लोग Deepfake content से सामना हो चुका है — लेकिन केवल 30% लोग ही पहचान सकते हैं कि उसमें साजिश है।
- Radware‑IBM रिपोर्ट बताती है कि 2023 में Deepfake based cyberattacks 3000% तक बढ़ गए थे — phishing और AI malware के बाद यह तीसरी बड़ी AI चैलेंज थी।
जिस कारण से media, finance, elections और identity theft में उपयोगी होने के लिए Vastav AI पर भरोसा बढ़ रहा है।
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6. Real‑Life उपयोग के उदाहरण
Case A: पत्रकारिता सत्यापन (Media authenticity)
एक न्यूज़ चैनल ने एक viral वीडियो receive किया जिसमें किसी नेता का भाषण बहुत विवादस्पद दिख रहा था। Vastav AI से साधारण upload करने पर heatmap ने चेहरे के हिस्से में बेतरकी blinking और shadows को flag किया — जो साफ AI‑manipulated था। चैनल ने पहले ही प्रसारित करने से पहले उसे रोक दिया।
Case B: साइबर सेल Forensic काम
देश की एक साइबर सेल में एक पहचान चोरी का मामला था, जिसमें आरोपी ने deepfake ऑडियो से किसी को फोन करके ransom demand की थी। Vastav AI के analysis रिपोर्ट ने metadata mismatch और confidence score के ज़रिए सच्चाई उजागर की और case कोर्ट में भी evidence की तरह इस्तेमाल हुआ।
Case C: सोशल मीडिया Trust & Verification
एक NGO ने viral campaign launch किया जिसमें कहा गया था कि कुछ वीडियो manipulated हैं। NGO ने Vastav AI API की मदद से हर वीडियो को check किया और उसका authenticity रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी — इससे लोगों में media trust बना, misinformation फेलना रोका गया।
7. Vastav AI के प्रमुख फीचर्स
- Realtime detection — कुछ सेकंड में स्कैन
- 99% तक सटीकता (claimed)
- Heatmap, Confidence & Metadata तीन forensic tools
- Reports downloadable (PDF, DOCX, JSON etc.)
- Law Enforcement के लिए Free, private & enterprise के लिए subscription model planned
8. चुनौतियाँ और भविष्य की राह
- Deepfake तकनीक बेहद तेज़ी से evolve हो रही है, स्मार्ट deepfakes आसानी से सुरक्षित systems को चकमा दे सकती हैं — इसलिए constant updates ज़रूरी हैं।
- Bias in Detection: कुछ deepfake detectors में gender या skin-tone based bias पाया गया है — Vastav AI को भी future में diverse data पर retrain करना होगा।
- कानूनी दिशा: भारत में अभी कोई deepfake विशिष्ट कानून नहीं है — Ministry of IT advisory जारी रही है लेकिन full regulation अभी बनना बाकी है।
9. आप कैसे सुरक्षित रहें?
- Deepfake कंटेंट देखें, तो पहले Vastav AI जैसे टूल से उसकी authenticity चेक करें।
- सोशल मीडिया या Whatsapp पर viral हुआ वीडियो शेयर करने से पहले लघु सचेत रहें।
- रिसर्च या रिपोर्ट लिखते समय original source और forensic report मांगें।
- पंच भाव से fake celebrity voice, fake political videos से भी सावधान रहें, और इन्हें सत्यापित करें।
- जैसे जैसे Vastav API सार्वजनिक होता है, आप कंपनी या मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ integrate कर सकते हैं।
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10. निष्कर्ष (Final Thoughts)
Vastav AI सिर्फ एक टेक टूल नहीं—यह भारत का डिजिटल सत्य की रक्षा करने वाली नई ढाल है। Fake content की दुनिया में जहां हर पल misinformation फैल रही है, वहां ऐसा AI‑powered detection tool बहुत महत्वपूर्ण है।
यह मीडिया को सशक्त बनाता है, साइबर सेल को forensic tool देता है, और आम लोगों की जागरूकता बढ़ाता है।
“सच्चाई तब तक सुरक्षित नहीं, जब तक उसे पहचाना न जाए।”
Vastav AI उस पहचान की शुरुआत है—उस सच की रक्षा का मजबूत आधार है।